कृषि समाचार

खेतों में कीट-व्याधि से बचाव: वर्तमान मौसम के लिए अनिवार्य सुझाव

वर्तमान मौसम में फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सुझाव, कीट-व्याधि नियंत्रण और फसल प्रबंधन के उपाय। किसानों के लिए विशेष सुझाव और क्रियाएँ, जिसमें खरपतवार नियंत्रण, मूंगफली की देखभाल और मधुमक्खी पालन शामिल हैं।

मौसम में बदलाव और फसलों की सुरक्षा

राज्य में निरंतर वर्षा के कारण फसलों में तेजी से खरपतवारों का बढ़ना चिंता का विषय है। यह स्थिति कीट-व्याधि के प्रकोप के लिए अनुकूल बनाती है, इसलिए किसानों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि उचित समय पर क्रियाएँ नहीं की जातीं, तो फसलों को गंभीर नुकसान पहुँच सकता है। इस मौसम में फसलों की देखभाल के लिए विशेष सुझाव निम्नलिखित हैं:

खरपतवार नियंत्रण और फसल प्रबंधन

  1. खरपतवार नियंत्रण:
    • बारिश के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए फसलों में खरपतवारों को नियंत्रित करना आवश्यक है। पिछले महीने बोयी गई बाजरा, मूंग, मोठ, ग्वार और तिल की फसलों की निराई-गुड़ाई करें।
    • टेबल: खरपतवार नियंत्रण के लिए आवश्यक क्रियाएँ
      फसलनियंत्रण की विधियाँ
      बाजरानिराई-गुड़ाई
      मूंगनिराई-गुड़ाई
      मोठनिराई-गुड़ाई
      ग्वारनिराई-गुड़ाई
      तिलनिराई-गुड़ाई
  2. फसल प्रबंधन:
    • वर्षा के दौरान खेतों में किसी भी प्रकार का छिड़काव न करें। खड़ी फसलों और सब्जी नर्सरियों में उचित प्रबंधन सुनिश्चित करें।
    • दलहनी फसलों और सब्जी नर्सरियों में जल निकास की उचित व्यवस्था करें।

कीट-व्याधि नियंत्रण के उपाय

  1. प्रकाश प्रपंच:
    • कीटों की रोकथाम के लिए एक प्रभावी उपाय है प्रकाश प्रपंच। एक प्लास्टिक टब या बड़े बर्तन में पानी और कीटनाशी मिलाएं और रात में खेत के बीच में एक बल्ब जलाकर रखें। यह प्रकाश कीटों को आकर्षित करेगा और वे पानी में गिरकर नष्ट हो जाएंगे।
    • लिंक: प्रकाश प्रपंच के बारे में अधिक जानें
  2. मूंगफली में पत्तियों का पीलापन:
    • मूंगफली में पत्तियों के पीलापन को नियंत्रित करने के लिए 0.1% सल्फ्यूरिक एसिड या 0.5% फेरस सल्फेट का छिड़काव करें। टिक्का रोग के नियंत्रण के लिए आधा ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करें।
    • लिंक: मूंगफली की देखभाल के टिप्स

फसल बुवाई और मधुमक्खी पालन

  1. बुवाई के सुझाव:
    • इस मौसम में ग्वार की पूसा नव बहार, मूली की पूसा चेतकी, भिंडी की पूसा ए-4, पालक की पूसा भारती, और चौलाई की पूसा लाल चौलाई की बुवाई करें। खेत तैयार हो तो बुवाई ऊंची मेड़ों पर की जा सकती है।
    • टेबल: बुवाई के लिए सुझाई गई फसलें
      फसलकिस्म
      ग्वारपूसा नव बहार
      मूलीपूसा चेतकी
      भिंडीपूसा ए-4
      पालकपूसा भारती
      चौलाईपूसा लाल चौलाई
  2. मधुमक्खी पालन:
    • कद्दूवर्गीय और अन्य सब्जियों में मधुमक्खियों की उपस्थिति फसल की गुणवत्ता को बढ़ाती है। इसलिए मधुमक्खियों के पालन को प्रोत्साहित करें।
    • फल मक्खी के नियंत्रण के लिए गुड़ या चीनी के साथ कीटनाशी का घोल विभिन्न स्थानों पर रखें और प्रभावित फलों को गहरे गड्ढे में दबा दें।
    • लिंक: मधुमक्खी पालन के लाभ

 

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